० सरगुजा से रायपुर आकर लगायी मदद की गोहार
उदयपुर।प्रदेश के सरगुजा जिले में स्थित परसा ईस्ट कांता बासन (पीईकेबी) कोयला खदान को चालू रखने अब आश्रित ग्रामों के सरपंचों और स्थानीयों ने भी अपनी आवाज बुलंद कर दी है। इसी सिलसिले में सरगुजा से 15 लोगों का प्रतिनिधिमंडल राजस्थान सरकार की पीईकेबी खदान के निर्बाध संचालन के लिए चाही गई जमीन उपलब्ध कराने की मांग हेतु ज्ञापन सौपनें शुक्रवार को रायपुर पहुँचा। प्रतिनिधिमंडल में ग्राम परसा के उपसरपंच गणेश यादव और घाटबर्रा के उपसरपंच पति घनश्याम यादव की अगुवाई में ग्राम साल्ही से जगतनारायण सिंह पोर्ते, रघुनंदन पोंर्ते और चंद्रकेश्वर सिंह पोर्ते और हिरन यादव, , मुन्ना यादव, रमेश यादव, अहिवरन सिंह तथा आनंद लाल यादव, हरिहरपुर से उजित राम विश्वकर्मा और फतेहपुर से अमर सिंह व केश्वर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री आवास में स्थित कार्यालय पहुँचकर राष्ट्रीय काँग्रेस पार्टी के युवा नेता राहुल गांधी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम लिखित ज्ञापन सौंपा और उनकी मांगों पर जल्द निर्णय लेने का अनुरोध किया है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की सरगुजा स्थित खदान के विकास के लिए अतिरिक्त जमीन मिलने में देरी के कारण सरगुजा के ग्रामीणों को पिछले साल से ही नौकरी जाने का भय सताने लगा था। वे सभी अपने क्षेत्र में कोयला खदानों के सूचारु रूप से संचालन न हो पाने से आने वाली रोजगार की समस्या से भयभीत रहते आए हैं। इसके लिए वे तब से लेकर अब तक कई बार आंदोलन कर जिले के कलेक्टर से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पत्र देते आये हैं। यहां तक की सरगुजा की एक मात्र कार्यरत खदान पर निर्भर लोग गत वर्ष नवंबर में राहुल गांधी के मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित भारत जोड़ों यात्रा के दौरान भी सरगुजा से करीब एक हजार से भी ज्यादा की दूरी तय कर अनुरोध पत्र देने पहुंचे थे। यही नहीं इन्होंने तीन महीने पहले अर्थात 21 अप्रैल 2023 के साथ साथ 24 अगस्त, 14 जून और 2 जून 2022 को भी राहुल गांधी और प्रदेश के मुखिया को पत्र लिखकर पीईकेबी खदान के सुचारु रूप से संचालन के लिए अनुरोध किया था।
पीईकेबी के आश्रित ग्राम घाटबर्रा, परसा, साल्ही, जनार्दनपुर, फतेहपुर, सहित 10 ग्रामों के उप सरपंच तथा सरपंचों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में उन्होंने लिखा है,कि विगत 10 वर्षों से उनके क्षेत्र में परसा ईस्ट एवं कांता बासन कोयला खदान का संचालन किया जा रहा है। जिसके संचालन होने से खदान प्रभावित परिवारों के साथ साथ स्थानीय लोगों के परिवार की रोज़ी रोटी चलती है। इनके क्षेत्र में खदान खुलने के पूर्व इन सभी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी, साथ ही रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव था। लेकिन जब से पीईकेबी कोयला खदान चालू हुई है तब से इनके क्षेत्र का विकास होना शुरू हुआ है और लोगों का अन्य जिलों और राज्यों में रोजगार के लिए पलायन भी रुका है। इस खदान के खुलने से क्षेत्र में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार तो मिला। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ सुविधा का ध्यान रखते हुए 100 बिस्तरों का सर्वसुविधायुक्त अस्पताल भी ग्राम साल्ही में खोला जाना प्रस्तावित किया है। जबकि वर्तमान में कंपनी द्वारा चलाए जा रहे केन्द्रीय बोर्ड की अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में इस वर्ष से ग्यारहवीं और बारहवीं तक की गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा भी उपलब्ध हो जाएगी। इसके चलते अब 800 से भी ज्यादा ग्रामीण विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा और अन्य सुविधाएं मिल रही है।