गरियाबंद। तीन दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से अपील किया था कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े टीम का सहयोग करें, वहीं ईसीजी को लेकर भाजयुमो जिला अध्यक्ष डॉक्टर से ही भिड़ गए. इस मामले को लेकर देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेत ब्लॉकभर स्वास्थ्य कर्मचारी काम बंद कर थाने पहुंचे और जिला अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत की. पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है.
भाजयुमो जिलाध्यक्ष की हरकत से नाराज ब्लॉक के बीएमओ सुनील रेड्डी समेत 9 डॉक्टर, 44 आरएचओ, 19 सीएचओ समेत 100 से ज्यादा कर्मियो ने काम बंद कर दिया है. बीएमओ रेड्डी ने कहा, कल रात भाजयुमो जिला अध्यक्ष योगिराज माखन कश्यप देर रात 10 बजे उल्टी के मरीज शिवदास कश्यप को इलाज कराने देवभोग अस्पताल लेकर पहुंचे. ड्यूटी में तैनात डॉक्टर महेश्वर साहू ने इलाज शुरू किया. उन्होंने ऑमिटिंग रोकने उपचार शुरू किया. इस दौरान इलाज कर रहे डॉक्टर से माखन कश्यप इसीजी करने की जिद्द करता रहा. इसी बात को लेकर डॉक्टर से तीखी बहस भी हुई. डॉक्टर साहू ने मामले की सूचना बीएमओ रेड्डी को देने के बाद वहां अन्य डॉक्टर भी पहुंचे. स्वास्थ अमला और माखन कश्यप के बीच आधे घंटे तक बहस होती रही. टीम ने रात को ही इसकी सूचना थाने में दी थी.
इस मामे में कार्रवाई की मांग को लेकर आज स्वास्थ्य अमला सभी सेवाए ठप कर थाने पहुंचा. थाना प्रभारी देवभोग पुलिस ने माखन कश्यप के खिलाफ गाली गलौच, शासकीय काम में बाधा और डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है. वहीं इस मामले में माखन कश्यप ने कहा कि वे खुद होम्योपेथी के जानकार हैं, इसी लिहाज से उन्होंने लक्षण देखकर इसीजी करने का आग्रह किया था. इसी बात को लेकर सभी ने इगो पाल लिया. अन्य केंद्रो में पदस्थ डॉक्टर भी ड्यूटी छोड़कर देवभोग में मौजूद रहे.
आंदोलन में डटे अमला ने अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी बाहर निकाल दिया है. सभी स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका हुआ है. स्वास्थ्य सेवा ठप होने से मरीज बेहाल हैं.
योगिराज माखन कश्यप ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वे अपने बड़े पिताजी के बिगड़ते तबियत को देखते हुए इसीजी करने का आग्रह किया था. मरीज का शुगर 200 से ज्यादा होने के बावजूद 10 यूनिट से ज्यादा इनशुलीन लगा दिया गया. डिहाइड्रेड पेशेंट को उसके अनुकूल दवा नहीं दी गई थी. बिगड़ते तबियत को देखते हुए मैंने भी उनसे सवाल किया, चूंकि यहां के बीएमओ सुनील रेड्डी की मनमानी को देखते हुए उन्हें हटाने की अनुशंसा मंत्री जी से कर चुके हैं. हटाया ना जाए इसलिए बीएमओ अब मातहतो के साथ मिलकर राजनीति कर रहे हैं. कई ऐसे उदाहरण पहले भी हैं, जब मरीज व परिजनों के साथ हुज्जत किया जा चुका था. मैंने भी रात को थाने पहुंचकर इसकी शिकायत की है. ।मेरे साथ न्याय नहीं हुआ तो समाज के साथ धरने पर बैठूंगा. योगी ने कहा, नियम के अनुसार 24 घंटे अल्टीमेटम के बाद इमरजेंसी सेवा बंद होनी थी. अचानक बंद कराकर बीएमओ मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है.