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गरियाबंद के जंगल में बिखरे हीरा भंडार की सुरक्षा के लिए एक चौकीदार तक नहीं

० छत्तीसगढ में साय सरकार बनने के बाद क्षेत्र लोगो को विकास की उम्मीद

० हीरा खदान के सीनो को तस्करो ने जगह-जगह से खोदकर छलनी कर डाला

जीवन एस साहू

गरियाबंद। यह जानकर आश्चर्य होगा की देश के सबसे बडे हीरा खदान में सुरक्षा के लिए एक चौकीदार भी तैनात नही है यहा बहूमुल्य हीरा एलेक्जेंडर, कीमती रत्न जंगलो के बीच बिखरे पड़े हुए है और तो और तस्करों ने हीरा खदान की इस बुरी तरह से अवैध उत्खनन किया है कि कुआ जैसे सुरंग बडे बडे गढढे ही दुर दुर तक दिखाई पडता है हीरा खदान की सुरक्षा के लिए चारो तरफ से सुरक्षा घेरा लोहे के तार और ऐंगल लगाये गये थे खदान के सामने बड़ा मुख्य लोहे का विशाल गेट लगा था हीरा तस्करों ने चारो तरफ लगाये गये सुरक्षा के बाड़ा तार के घेरा और मुख्य गेंट तक गायब कर दिये है और हीरा खदान जाने वाले मार्ग में बडे बडे गढढो के साथ पेड़ गिरा दिये है जिससे आसानी से प्रशासन के अमला वंहा तक पहुच न सके। हीरा खदान में अवैध उत्खनन इस तरह किया गया है कि यदि पिछले 10 वर्षो का पुलिस थाना में अवैध हीरा तस्करी करने वालो की सूची देखे तो सैकडों की संख्या में हीरा के तस्करों को गरियाबंद और सीमावर्ती धमतरी, महासमुंद की पुलिस ने गिरफ्तार कर उनसे हजारों नग कीमती हीरा पत्थर जब्त कर जेल के सलाखों के पीछे भेजा गया है, जिसकी अनुमानित कीमती 8-10 करोड से ज्यादा बताई जाती है, इनते बडे पैमाने में हीरा के अवैध तस्करी करने वालो को पुलिस ने पकड़कर जेल भेजा है.

क्षेत्र के हीरा खदानों में अवैध तस्करी अब बहुत हो चुकी है क्षेत्र की जनता हीरा खदान की सरकारी तौर पर दोहन चाहते है और छत्तीसगढ में भाजपा की सरकार बनने के साथ ही क्षेत्र के लाखों रहनवासियों में यह उम्मीद जगी है कि अब जल्द ही हीरा खदान मामले में राज्य सरकार कोई ठोस निर्णय लेगी क्यों कि राज्य व केन्द्र में भाजपा की सरकार होने से हीरा खदान मामला का जल्द समाधान होने की उम्मीद लगाई जा रही है क्षेत्र के लाखों निवासियों को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से काफी उम्मीद बंधी है कि जल्द हीरा खदान मामले पर सरकार कोई बड़ी फैसला लगी,हीरा खदान का सरकारी दोहन कर इससे होने वाले राजस्व की प्राप्ती से क्षेत्र के विकास के साथ प्रदेश के विकास में उपयोग किया जाता सकता है भू वैज्ञानिकों का मने तो इस हीरा खदान में इतना हीरा का भंडार भरा हुआ है कि पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश का आने वाले 20 वर्षों का बजट इस हीरा खदान से पूरा किया जा सकता है राज्य के विकास और इस आदिवासी क्षेत्र के पिछड़ेपान को दूर करने के लिए हीरा खदान की सरकारी तौर पर दोहन करने की मांग क्षेत्र की जनता ने किया है.

गरियाबंद जिले के विकासखंड मैनपुर के अंतर्गत पायलीखंड एवं बेहराडीह के हीरा (डायमंड) खदानो का पता प्रशासन को लगभग 36-37 वर्ष पूर्व छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पहले अविभाजित मध्यप्रदेश राज्य के जमाने मे लगा था तब से लेकर आज तक इलाके मे हीरा तस्करी का लम्बे समय से व्यापार चल रहा है तब हीरा खदानो के मामले को संज्ञान लेते हुए मध्यप्रदेश के तत्कालिन मुख्यमंत्री दिग्वीजय सिंह के निर्देश पर पायलीखण्ड एवं बेहराडीह जंगल पर हीरा मिलने वाले एक बड़े हिस्से को तार के बाड़ो से घेर कर सुरक्षित किए किया गया था पायलीखंड के हीरा खदानो की सुरक्षा के लिए बी.एस.एफ की कंपनी तैनात किया गया था और खनिज विभाग ने बकायदा चौकीदार नियुक्त किया था मगर इसकी सुरक्षा पिछले कुछ वर्षो से भगवान भरोसे है.

मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में वर्ष 2006-07 मे नक्सलियो के दबाव बढने के बीच जहां पायलीखंड हीरा खदान से बी.एस.एफ. कंपनियो को खदान की सुरक्षा से वापिस बुला लिया गया तो वही बेहराडीह हीरा खदान की सुरक्षा से वन विभाग ने हाथ खड़ा कर दिया तब से लेकर आज तक हीरा खदान की सुरक्षा पूरी तरह से भगवान के भरोसे है हीरा खदान में कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां स्थिति यह बन गई है लूट सके तो लूट वाली कहावत चरितार्थ हो रही है,यहां उड़ीसा, महाराष्ट्र, आंध्र सीमावर्ती राजस्थान राज्य के व्यापारियो द्वारा आकर इस क्षेत्र से हीरा तस्करी कर ले जाते है और इसकी पुष्टि स्वयं विभाग कर रही है पिछले 10 वर्षो में गरियाबंद जिले के पुलिस ने पायलीखण्ड एवं बेहराडीह हीरा खदान से अवैध तस्करी के सैकड़ो मामले दर्ज किये है करोड़ो की हीरा तस्करो से बरामद करने में पुलिस को सफलता मिली है

विश्व प्रसिध्द पायलीखण्ड हीरा खदान से सुरक्षा हटने के बाद से लगातार अवैध उत्खनन
तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 42 किमी दूर विश्व के प्रसिध्द हीरा खदान पायलीखण्ड एवं मैनपुर से 08 किमी दूर बेहराडीह हीरा खदान का मामला न्यायालय मे होने के कारण छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 24 वर्षो बाद भी सरकारी दोहन शुरू नही हो पाया है समय समय पर इन हीरा खदानो मे अवैध खुदाई की खबर निकलकर सामने आती है खासकर बारिश के दिनों में हीरा खदानो मे नदी नालो मे बाढ का फायदा उठाकर ओड़िसा महाराष्ट्र और राजस्थान के तस्करो द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन को अंजाम दिया जाता है जिसका प्रमाण हीरा खदान क्षेत्र मे देखा जा सकता है हीरा खदान क्षेत्रो में तस्करों के द्वारा इस बेदर्दी के साथ अवैध खुदाई किया गया है कि जगह जगह 10 से 20 फीट गहरे कुएं जैसे सैकड़ो गड्डे हो गये है और तो और हीरा खदान की सुरक्षा के लिए निर्माण किये गये वर्षो पूर्व चौकीयों को भी हीरा के तलबगारो ने चारो तरफ से खोद डाला है।हीरा खदान का निरीक्षण किया गया जहां नये खुदाई के निशान मिले है जहां हीरा तस्करो द्वारा 10-10 फीट गहरे गढ्ढे सुरंगनुमा कर दिये गये है और खोदाई में उपयोग किये जाने वाले औजार गैती, रापा, सब्बल, टुकना भी वहां मिला।

पायलीखण्ड और बेहराडीह में किम्बर लाईट पाईप होने की पुष्टि

ढाई दशक पूर्व आस्ट्रेलिया से पहुंचे वैज्ञानिको ने इन हीरा खदानो में एक दर्जन से ज्यादा किम्बर लाईट पाईप होने की बात सर्वेक्षण के बाद बताई गई थी वैज्ञानिको के अनुसार किम्बर लाईट पाईप कई किमी लंबी होती है और इन किम्बर लाइट पाईप में हीरा चिपका होता है आस्ट्रेलिया के बाद सबसे ज्यादा बहुमुल्य किमती रत्न होने का दावा पायलीखण्ड और बेहराडीह हीरा खदान मे किया गया था। बेहराडीह पायलीखण्ड हीरा खदान क्षेत्र में एक बड़े भू-भाग को जहां हीरा खदान के रूप में चिन्हाकिंत है उन स्थानो को बड़े -बड़े लोहे के हजारो एंगल लगाकर लगभग दोनो खदानो में 20 से 25 हेक्टेयर जमीन को चारो तरफ से घेरा गया था और सामने लोहे गेट लगाये गये थे अब अवैध तस्करी करने वालो ने लोहे के पूरे एंगल के साथ गेट को भी उखाड़कर ले गये है। मैनपुर पायलीखण्ड बेहराडीह इस धरती के नीचे अपार खनिज संपदा भरा पड़ा है लेकिन इसके ऊपर निवास करने वाले लोग आज भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे है इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से मांग किया है कि हीरा खदानो में लगे स्टे को हटाया जाये और सरकारी रूप से इसका दोहन किया जाये।

क्या कहते है एसडीओपी पुलिस

एसडीओपी पुलिस मैनपुर बाजीलाल सिंह ने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा समय समय पर हीरा खदान क्षेत्रो का गस्त किया जाता है और अवैध उत्खनन पर कार्यवाही भी किया जा रहा है। उन्होने बताया लगातार पुलिस द्वारा अवैध उत्खनन रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है

बिन्द्रानवागढ़ विधायक जनक ध्रुव ने कहां मामले को विधानसभा में उठाएंगे

बिन्द्रानवागढ विधानसभा क्षेत्र के विधायक जनक ध्रुव ने इस मामले में कहा कि हीरा खदान का मामला कोर्ट के अधीन है सरकार से मांग किया जाएगा की हीरा खदान की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त किया जाए साथ ही क्षेत्र की जनता की मांग है की सरकारी तौर से जल्द से जल्द दोहन होना चाहिए और इससे मिलने वाले राजस्व इस क्षेत्र के विकास में लगाना चाहिए इस क्षेत्र के युवाओं को इसमें रोजगार देना चाहिए ।

क्या कहते हैं पूर्व विधायक डमरुधर पुजारी
क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता डमरुधर पुजारी ने कहा हीरा खदान मामले से छत्तीसगढ़ के विष्णु देव सरकार को अवगत कराएंगे क्षेत्र की जनता जल्दी से जल्द मामले का कोर्ट से निराकरण की मांग चाहते हैं साथ इसके सरकारी दोहन से मिलने वाले राजस्व से क्षेत्र और प्रदेश का विकास होगा,

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