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जिला प्रशासन ने खोली चिटफंड कंपनियों में डूबे लोगों की फाइल,निवेशकों में फिर जगी रकम वापसी की आस

जीवन एस साहू
गरियाबंद। चिट फंड कंपनियों में डूबी रकम वापस दिलाने जिला प्रशासन ने फिर से शुरू किया अभियान, निवेशकों से ओरिजन बांड पेपर मांगे जा रहे ताकि एफआईदर्ज कर किया जा सके रकम वापसी।यूपी हरियाणा पंजाब ओडिसा समेत 11 7 राज्य के 260 चिट फंड कंपनी ने जिले के 93598 लोगो से 181 करोड़ से भी ज्यादा का निवेश करा लिया।

पिछली सरकार ने चिट फंड में डूबी रकम वापस कराने का वादा कर भूल गई थी।लेकिन अब जिला प्रशासन डूबी रकम को वापस दिलाने की प्रकिया शुरू कर दिया है।अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने इसका बीड़ा उठाया है।पांडेय ने कहा की डूबी रकम वापसी के प्रकरण में जो खामियां थी,उसे शॉट आउट किया गया।प्रकिया को नए सिरे से शुरू करने से पहले जिले के पांच अनुविभाग ने एसडीएम को निर्देश कर निवेशकों से निवेश रकम के बांड पेपर मंगाए गए है।इसी बांड के आधार पर चिट फंड कंपनियों के खिलाफ पहले प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी,फिर संबंधित फर्म की संपति मामले में अटैच कर निवेश किए गए वास्तविक रकम की वापसी की जा सकेगी।पांडेय ने निवेशकों से अपील कर ओरिजिनल बॉन्ड पेपर नजदीकी एसडीएम कार्यालय अथवा तहसील कार्यालय में जमा कराएं।

राजिम में सबसे ज्यादा डूबे है लोग_ पिछली सरकार ने चिट फण्ड कंपनी से रकम वापस दिलाने वर्ष 2021 में आवेदन फार्म जमा कराए थे,जिसके मुताबिक गरियाबंद अनुविभाग में 15856 निवेशकों ने 24.38 करोड़,छुरा अनुविभाग में 19210 लोगो ने 17.90 करोड़,राजिम अनुविभाग में सर्वाधिक 37861 लोगो ने 118.26 करोड़ ,मैनपुर अनुविभाग में 16334 लोगो ने 14.31 करोड़ एवम देवभोग अनुविभाग में 6.83 करोड़ निवेश किया है।अपर कलेक्टर ने कहा कि एक ही निवेश पर परिवार के अन्य लोगो ने भी दावा कर आवेदन कर दिया है। ओर्जिनल बांड मंगाने से निवेशको संख्या व निवेश रकम में 20 से 30 फीसदी तक कमी आ जायेगी।जितना जल्दी बांड जमा होंगे,उतनी जल्दी वापसी की प्रकिया शुरू हो सकेगी ।

जानिए वो 10 कम्पनी के नाम जहा ज्यादा रकम हुए निवेश_ प्राप्त जानकारी के मुताबिक सनसाईन इंफ्राबिल्ड दिल्ली ने 7555 निवेशकों से 9.12 करोड़,आरोग्य धन वर्षा डेवलपर उज्जैन ने 6129 निवेशकों से 7.75 करोड़,साई प्रसाद प्रॉपर्टीज लिमिटेड पंजीम गोवा ने 5680 निवेशकों से13.75 करोड़, एच बी एन फूड्स लिमिटेड ने 4635 निवेशकों से 11.70 करोड़,माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड ओडिसा ने 4568 से 10.46 लाख,पीएसीएल इंडिया लिमिटेड जयपुर राजस्थान ने 4980 निवेशक से10.15 करोड़, साई प्रकाश प्रोपटीज डेवलपर भोपाल ने 3316 लोगो से 7.6करोड़,निजी निर्मल इंफ्रा होम ने 3869 से15.74 करोड़,मिलियन माइल्स इंफ्रा ने 3635 निवेशकों से8.73 करोड़ रुपए,आरएमपीएल मार्किग प्राइवेट लिमिटेड 6.58 करोड़ का निवेश कराने में सफल हुआ।

स्थानीय और प्रभावशाली लोगो को आकर्षक पैकेज पर बनाया था एजेंट_ प्राप्त दावा आवेदन के मुताबिक 260 चिट फंड कंपनी ने 1 अरब 81करोड़ 71लाख23561 रुपए निवेश कराए।इसके लिए चेन प्लानिंग, डबल मनी,के अलवा कृषि,फॉरेस्ट्री व अन्य आकर्षक योजनाओ का झांसा दिया गया। स्थानीय युवा,नामचीन चेहरे और प्रभाव शाली लोगो को एजेंट बना कर एजेंटों को आकर्षक पैकेज का भुगतान किया गया था।

रकम वापसी के लिए निकाले गए रास्ते पर , प्रॉपर्टी नही ढूंढ सकी सरकार_ चिट फंड कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होते ही,पुलिस मामले में संबंधित संस्थान की प्रापर्टी अटैच कर उसे न्यायालय के अनुमति से बेच देती ,फिर उसी रकम को निवेशकों को वापस करती।लेकिन जिले में नही बल्कि राज्य भर में 95 फीसदी संस्थाओं के प्रापर्टी का सरकार पता नही लगा सकी।ज्यादातर चिट फंड कंपनी दूसरे राज्यों के हैं,प्रदेश में कुछ ही कंपनी के ज्वाबदारो पर कार्येवाही हुए,निवेश लिए गए रकम के आधी भी प्रॉपर्टी नही मिली लिहाजा रकम वापसी भी अधूरी हुई।

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