० सतत काउंसलिंग के बाद नशे से दूर हो मोटर मैकेनिक कार्य कर अपने को संभाला, तो बचपन से नशे का आदी युवक कार श्रृंगार दुकान संभाल रहा
० नशे से बिखरे परिवार सुखद जीवन बिताने लगा। नशा छोड़ने के बाद थाने का गुंडा बदमाश बस स्टैंड में काम कर रहा
रायपुर। आईजी अमरेश मिश्रा एवं एसएसपी डॉ संतोष सिंह के निर्देश पर रायपुर जिले में नशे के विरूद्ध निजात अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत जिले के राजपत्रित अधिकारियों के सुपरविजन में सभी थाना प्रभारियों द्वारा लगातार अपने अपने क्षेत्र में कड़ी कार्यवाही के साथ नशे विरुद्ध जन-जागरूकता एवं आदी लोगों का काउंसलिंग किया जा रहा है। नशे के आदी लोगो का थानों के नशा-मुक्ति कक्ष में एनजीओ, डॉक्टरो एवं सामाजिक कार्यकर्ता की उपस्थिति में लगातार काउंसलिंग तथा उनका स्वास्थ परीक्षण कराया जा कर नशे से निजात पाने के उपाय बताए जा रहे हैं। रायपुर पुलिस के निजात अभियान के प्रचार प्रसार एवं काउंसलिंग से प्रभावित होकर दर्जनों लोग नशे की लत से मुक्त हुए हैं। जिले में अब तक 370 लोगो को काउंसलिंग दिया गया है जिसमें से दर्जनों लोग नशा छोड चुके है तथा सैकड़ो लोग लाभान्वित हो नशा छोड़ने के समीप हैं और उनके जीवन को नई दिशा मिल रही है। पुलिस द्वारा इनके पुनर्वास में भी हर संभव मदद की जा रही है। ऐसे व्यक्ति दूसरे लोगों के लिए भी उदाहरण बन रहे हैं।
थाना उरला द्वारा निजात अभियान के तहत नशे से ग्रसित कुल सात लोगो की कॉउंसलिंग डॉक्टर आलोक शर्मा (साईकोलॉजिस्ट) के द्वारा कराया गया। इनका पूर्व में थाना स्तर पर भी कॉउंसलिंग कराया गया था, इसमें से एक ललित साहू पिता जगदीश साहू उम्र 37 वर्ष निवासी सरोरा ने बताया की पहले वह नशे का आदी था, चाह कर भी नशा छोड़ नहीं पा रहा था। ऐसे में पुलिस के निजात अभियान के दौरान उरला थाना प्रभारी द्वारा नशे के दुष्परिणाम के बारे में बताकर उसकी लगातार कॉउंसलिंग कराई गई जिससे नशे को पूरी तरह छोड़कर टाटा मोटर्स में मैकेनिक का कार्य कर रहा है। एक नाबालिक रोहित (परिवर्तित नाम) ने बताया की वह पहले वह नशे में चाकू लेकर घूमता था, जिसको उसके पिता के साथ बुलाकर समझाईस दिया गया जिसके फलस्वरूप उसने चाकू को थाने में लेकर जमा कर दिया।
थाना सिविल लाइन अंतर्गत निवासी निगरानी गुंडा बदमाश करण रेड्डी जो शराब के नशे में आम लोगो से मारपीट करते रहता था और जो पुलिस की सतत निगरानी में था। नशे की लत से छुड़ाने के लिए लगातार कॉउंसलिंग डाक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता की सहायता से करण रेड्डी शराब के नशे को छोड़कर बस स्टैंड भाठागांव में काम कर अपना जीवन यापन कर रहा है। रेड्डी की सतत चेकिंग एवं निगरानी दिसंबर 2017 को गुंडा फाइल खोला गया था, निजात अभियान के तहत कॉउंसलिंग के फलस्वरूप उसने नशा को पूरी तरह छोड़ दिया है तथा उसके व्यव्हार में काफी सकारात्मक परिवर्तन आया है।
थाना सिविल लाइन अंतर्गत राजा तालाब निवाई सुधीर कुमार इलियाजर पिता विक्टर इलियाजर उम्र 50 वर्ष जो नशे का आदि था शराब सेवन कर मदहोश पड़ा रहता था। अभियान के तहत डॉक्टर सामाजिक कार्यकर्ताओ की सहायता से कॉउंसलिंग प्रदान की गयी। अभियान के माध्यम से नशे को छोड़ने के लिए सक्रिय रूप से काम किया और निःशुल्क दवाइयों का उपयोग किया। अपने परिवार के साथ खुशहाली से जीवन यापन करना शुरू किया है।
थाना मंदिर हसौद निवासी अनिल कुमार (परिवर्तित नाम) जो नशे का आदि था नशा करके परिवार के साथ लड़ाई झगड़ा करता था निजात अभियान के तहत इसकी लगातार कॉउंसलिंग की गयी। जिसके फलस्वरूप अब इसने नशे को छोड़कर अपने पिता जी के साथ दुकान में काम करके बेहतर जीवन व्यतीत कर रहा है। अब उनके घर में पारिवारिक कलह से शांति है और वे लोगो की मदद करने की ख़ुशी महसूस करते है। अब अनिल भविष्य में भी नशे का सेवन न करने का प्रण किया है और अपने आसपास के लोगों को भी नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करेंगे।
थाना सरस्वती नगर अंतर्गत मोती नगर निवासी प्रमोद मोगराज जो विगत दो वर्ष से शराब का नशा कर रहा था और परिवार में समस्याएं बढ़ रही थी। थाना प्रभारी डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ताओ की सहायता से कॉउंसलिंग तथा नशे से निजात पाने के उपाय बताये गये। अब वह अपनी पत्नी के साथ खुशहाल ज़िन्दगी व्यतीत कर रहा है तथा अब भविष्य में नशे का सेवन नहीं करने का प्रण लिया है।
थाना कबीर नगर अंतर्गत वाल्मीकि नगर निवासी कमलेश देवांगन विगत एक वर्ष से गांजा का नशा कर रहा था। कमलेश के भाई ने बताया की थाना प्रभारी द्वारा निरंतर कॉउंसलिंग के फलस्वरूप उसके भाई ने नशा करना कम कर दिया है तथा मेहनत करके अपना जीवन यापन कर रहा है। अब उनका परिवार भी उन्हें अधिक समय दे पा रहा है।
थाना कबीर नगर अंतर्गत वाल्मीकि नगर निवासी करीम (परिवर्तित नाम) ने बताया की वह विगत तीन माह से गांजा का नशा कर रहा था थाना प्रभारी डॉक्टर और सामजिक कार्यकर्ताओ की सहायता से कॉउंसलिंग और स्वास्थ परिक्षण कराकर नशे से मुक्ति प्रदान की गयी। करीम वर्तमान में रायपुरा में कार श्रृंगार की दुकान में काम कर अपने परिवार के संग खुशहाली से जीवन यापन कर रहा है।
कई लोगों के नाम उनके सहमति से दिया जा रहा है और अन्य लोगों के नाम और डिटेल्स गोपनीयता का सम्मान करते हुए नही दिया जा रहा है।