रायपुर। छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में सुरक्षा को डोज दिया गया है। इसके तहत सभी मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ ही मरीजों की सुरक्षा का जिम्मा हथियारबंद पूर्व सैनिकों को दिया जाएगा। गुरुवार सुबह 7 बजे आंबेडकर अस्पताल के निरीक्षण के लिए पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अस्पताल प्रबंधन को इसकी जानकारी देते हुए सुरक्षा चाक चौबंद-बनाने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में ऐसे सेवानिवृत्त सैनिकों की सेवाएं ली जाएंगी, जिनके पास लाइसेंसी हथियार हों। वहीं, अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए डीजीपी से पत्राचार कर 8-10 पुलिस के जवानों की तैनाती किए जाने की मांग की गई है। जवान तीनों पालियों में अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे।
वहीं, निरीक्षण के दौरान मंत्री ने अस्पताल परिसर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की स्थिति का भी जायजा लिया और बंद पड़े सीसीटीवी कैमरों को तत्काल प्रभाव से शुरू करने के निर्देश दिए। नईदुनिया द्वारा पिछले दो दिनों से अस्पताल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की पड़ताल करते हुए बंद सीसीटीवी कैमरों के साथ ही गार्डों की अनुपस्थिति को लेकर खबरों का प्रकाशन किया, जिसके बाद मंत्री बिना किसी पूर्व सूचना के ही औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे और सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
मंत्री ने आपात चिकित्सा कक्ष के बाहर बैठे मरीजों से उनका हाल-चाल जाना और कैंटीन में साफ-सफाई का निरीक्षण करते हुए व्यवस्था बढ़ाने के लिए कहा। साथ ही हॉस्टल परिसर में सफाई के साथ अंधेरे वाले क्षेत्रों में लाइट लगाने के भी निर्देश दिए।
नईदुनिया की पड़ताल में सामने आया कि प्रदेश में कई ऐसे मेडिकल कालेज हैं, जहां संबद्ध अस्पतालों में चौकियां ही नहीं हैं। ऐसे में डीजीपी से पत्राचार कर वहां पहले चौकियों का निर्माण करवाया जाएगा, इसके बाद वहां पुलिस के सिपाहियों को तैनात भी किया जाएगा।