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हटिया-दुर्ग एक्सप्रेस में ITBP जवानों का सर्विस रिवाल्वर और 26 कारतूस हुआ चोरी, रेलवे प्रशासन सकते में

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दुर्ग। छत्तीसगढ़ में रेलवे सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। हटिया-दुर्ग एक्सप्रेस (Hatia-Durg Express) के जनरल कोच में सफर कर रहे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों का पिट्ठू बैग चोरी हो गया। इस बैग में दो सर्विस पिस्टल, 4 मैगजीन, 26 जिंदा कारतूस (live cartridges), मोबाइल फोन और 10 हजार रुपये नकद रखे थे। घटना ने न केवल सुरक्षा एजेंसियों बल्कि रेलवे प्रशासन को भी सकते में डाल दिया है।



जानकारी के अनुसार, रांची की 40वीं बटालियन के एएसआई योगेन्द्र प्रसाद ओझा, प्रधान आरक्षक जितेन्द्र सिंह, आरक्षक बुद्धदेव मलिक और एक अन्य जवान हटिया से दुर्ग के लिए रवाना हुए थे। रिजर्वेशन न मिलने के कारण सभी जनरल कोच डी-2 में यात्रा कर रहे थे। रात करीब 3 बजे चांपा स्टेशन के पास जवानों की आंख लग गई और बैग बर्थ के बीच खाली जगह पर रखा था। सुबह 5.50 बजे जब ट्रेन भाटापारा स्टेशन (Bhatapara Station) पहुंची, तब बैग गायब मिला।

जवानों ने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दी और बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर उतरकर जीआरपी और आरपीएफ को रिपोर्ट दी। इसके बाद RPF Crime Branch और जीआरपी की टीमों ने चांपा से भाटापारा तक के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, लेकिन कोई संदिग्ध नहीं मिला। बाद में बिलासपुर के स्टेशन चौक से तितली चौक के बीच झाड़ियों में जवानों के दस्तावेज और कपड़े बरामद हुए। हालांकि अब तक पिस्टल और कारतूस का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

आईटीबीपी जवानों की ड्यूटी डोंगरगढ़ और प्रयागराज में लगाई गई थी। सभी जवान हटिया-दुर्ग स्पेशल (08185 Special Train) से यात्रा कर रहे थे, ताकि वहां से आगे अपनी पोस्टिंग लोकेशन तक जा सकें। लेकिन इस घटना ने उनकी सुरक्षा और जिम्मेदारी दोनों को संकट में डाल दिया है।

रेलवे में हथियारों के साथ यात्रा कर रहे जवानों का बैग चोरी हो जाना कोई सामान्य घटना नहीं है। यह साफ करता है कि Railway Security System में गंभीर खामियां हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब आम यात्रियों की सुरक्षा इतनी कमजोर है, तो हथियार लेकर यात्रा कर रहे सुरक्षाकर्मियों का सामान भी सुरक्षित नहीं रह पा रहा है।

जांच जारी
जीआरपी और आरपीएफ ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज, स्टेशन रिकॉर्ड और संभावित चोरी मार्गों को खंगाला जा रहा है। लेकिन सबसे बड़ा खतरा यही है कि चोरों के हाथों में अब सर्विस पिस्टल और जिंदा कारतूस पहुंच चुके हैं, जो कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन सकते हैं।