भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति साथ लेकर चलती हैं साइबर एक्सपर्ट मोनाली ,वक्ता मंच ने दिया छत्तीसगढ़ महिला गौरव अवार्ड

० 17 लाख लोगों को दे चुकी हैं साइबर सुरक्षा की निःशुल्क ट्रेनिंग
रायपुर। शनिवार का दिन और दोपहर का समय। सिविल लाइंस स्थित वृंदावन हॉल में वक्ता मंच द्वारा आयोजित महिला सम्मान समारोह चल रहा था। विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को अतिथि सम्मानित कर रहे थे। सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज रहा था। उसी बीच मंच संचालक ने छत्तीसगढ़ महिला गौरव अवार्ड के लिए एक नाम पुकारा – मोनालीकृष्ण गुहा (साइबर सिक्योरिटी फॉरेंसिक एंड लॉ एक्सपर्ट)। कुछ देर में एक युवती मंच की ओर बढ़ने लगी। वह आधुनिक वेषभूषा में थी, लेकिन उसके हाथ में भगवान श्रीकृष्ण की श्रृंगारयुक्त मूर्ति थी। युवती को देखकर लोगों को सुखद आश्चर्य हुआ। उन्हें लगा कि कहीं दूसरी लड़की तो सम्मान लेने नहीं आ रही है? सभी का ध्यान उसी की ओर था और उसके बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी। युवती ने अवार्ड लिया और समारोह को जब संबोधित किया तो हॉल तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठा।
कमजोरों की सुरक्षा ही धर्म स्थापना :
उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ही उनके गुरु हैं। वे जीवन में सदैव समाज कल्याण, सहायता, मार्गदर्शन करते रहने की प्रेरणा देते हैं। इस युग में असहाय की सहायता और कमजोरों की सुरक्षा ही धर्मस्थापना है। उनके इस वचन को कलियुग में पूर्ण करने का वे भी एक माध्यम हैं। उनका ये जीवन बेहद कम समय के लिए मिला है, जिसे प्रेम शांति सहयोग और सृष्टि के प्रति समर्पण से जीने का मार्गदर्शन देते हैं। श्रीकृष्ण अन्याय का पुरजोर विरोध, अन्याय के प्रति आवाज उठाने, कानून और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने, निर्भय रहने एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ जीवन जीने को प्रेरित करते हैं। आत्मविश्वास और उन पर विश्वास जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस आदर्श के साथ वे अपना जीवन जीती हैं। उनका जीवन श्रीकृष्ण और इस सृष्टि के कल्याण को समर्पित है।
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में 12 वर्षों से कर रही हैं निरंतर कार्य :
मोनाली ने बताया कि वे साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में पिछले 12 वर्षों से निरंतर कार्य कर रही हैं। उन्होंने अब तक 17 लाख लोगों को साइबर सुरक्षा की निःशुल्क ट्रेनिंग दी है। 12,500 से कहीं अधिक ऑनलाइन एवं ऑफलाइन सेशंस साइबर सुरक्षा, क्रिमिनल इंवेस्टीगेशन, कानूनी जागरूकता, आत्महत्या रोकथाम, साइबर क्राइम ट्रॉमा हीलिंग, सिक्योरिटी ट्रेनिंग, साइबर हाइजीन एवं डिजिटल हेल्थ आदि मुद्दों पर लिए हैं। उन्हें 160 से अधिक सम्मान मिले हैं। 33 हजार से ज्यादा साइबर अपराध के मामलों पर कार्य का अनुभव है। राज्य प्रशासनिक एवं पुलिस अकादमी में साइबर सुरक्षा एवं क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन के लिए लंबे समय से गेस्ट फैकल्टी हैं। साथ ही अन्य कई सरकारी विभागों, निजी संस्थानों एवं एनजीओ के साथ भी लगातार इन विषयों पर जागरूकता कार्यशालाएं लेती हैं। अधिकारियों के अलावा भविष्य के भावी अधिकारियों अर्थात् सरकारी नौकरियों की तैयारी करने वाले छात्रों का मार्गदर्शन करती हैं। छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित संस्थान पाथ आईएएस अकादमी में यूपीएससी की फैकल्टी भी हैं। शिक्षा में उन्होंने अब तक बीई कम्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग, एमटेक कम्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग, एमबीए मीडिया मैनेजमेंट(गोल्ड मेडलिस्ट) मास्टर्स ऑफ आर्ट्स इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, एवं एल एल बी किया है। रजिस्टर्ड एडवोकेट हैं। उन्होंने 80 से अधिक साइबर सुरक्षा से संबंधित विषयों पर नैशनल एवं इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन किए हैं, जैसे सर्टिफाइड एथिकल हैकर, कम्यूटर हैकिंग फोरेंसिक इन्वेस्टिगेटर एवं अन्य कई। इसके पूर्व वे मीडिया और रेडियो में भी कार्य कर चुकी हैं।