नेशनल न्यूज़। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास हो गया है, बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े हैं। वोटिंग से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि इस बिल के जरिए एक तिहाई सीटें मातृशक्ति के लिए आरक्षित हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस देश की बेटी न केवल नीतियों के अंदर अपना हिस्सा पाएगी, बल्कि नीति निर्धारण में भी अपने पद को सुरक्षित करेगी। अमित शाह ने लोकसभा में कहा, ”कल का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा और इस बिल के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद किया है।
उन्होंने कहा, ”पीएम मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया, उनके इन प्रयासों के तहत लैंगिक अनुपात में सुधार हुआ है।” लोकसभा में विपक्ष पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा की कुछ लोगों का भारत से बिल्कुल भी जुड़ाव नहीं है।
महिला सश्कितरण राजनीति मुद्दा नहीं
अमित शाह ने कहा कुछ पार्टियों के लिए ये बिल पॉलिटिकल एजेंडा हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता पीएम मोदी के लिए ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है। महिला आरक्षण विधेयक लाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मातृशक्ति को सम्मानित किया है। महिला आरक्षण विधेयक पारित होने से नए युग की शुरुआत होगी, प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 में महिलाओं के नेतृत्व वाली प्रगति का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। पीएम मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान, समान भागीदारी सरकार की जीवन शक्ति रही है।
महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी कोटा शामिल हो: राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक का बुधवार को समर्थन किया और यह भी कहा कि इसमें अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए अलग आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए क्योंकि इसके बिना यह विधेयक अधूरा है। उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023′ पर निचले सदन में चर्चा में भाग लेते हुए यह आरोप भी लगाया कि सत्तापक्ष जातीय जनगणना की मांग से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है।
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मेरी नजर में एक चीज (ओबीसी कोटा नहीं होना) इस विधेयक को अपूर्ण बनाती है…मैं चाहता हूं कि इस विधेयक में ओबीसी आरक्षण को शामिल किया जाना चाहिए था।” उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार में 90 सचिव हैं जिनमें केवल तीन ओबीसी समुदाय से आते हैं और वे सिर्फ पांच प्रतिशत बजट को नियंत्रित करते हैं। राहुल गांधी ने जातीय जनगणना कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि ये ओबीसी का अपमान है। उन्होंने यह भी कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू किया जाए क्योंकि इसके लिए जनगणना और परिसीमन की जरूरत नहीं है।