० समारोह के दूसरे दिन स्कूली बच्चों ने दी शानदार प्रस्तुति
० सुआ, कर्मा, ददरिया के साथ राजस्थानी, बिहू और गरबा नृत्य ने मोहा दर्शकों का मन
० कलेक्टर श्री सिन्हा की पहल पर नवोदित कलाकारों के साथ स्कूली बच्चों को मिला चक्रधर समारोह में मौका
रायगढ़।चक्रधर समारोह का मंच इस बार स्थानीय स्कूली बच्चों के लिए भी समर्पित रहा। युवा सहभागिता के तहत आज रायगढ़ निगम ऑडिटोरियम में स्कूली छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम के माध्यम से सांस्कृतिक छटा बिखेरते नजर आए। चक्रधर समारोह में छत्तीसगढ़ के स्थानीय संस्कृति को नृत्य के माध्यम से स्कूली बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुति दी। राउत नाचा से लेकर सुआ, ददरिया, कर्मा जैसे विभिन्न स्थानीय सांस्कृतिक नृत्यों के साथ देश के विभिन्न राज्यों के ओडि़शी, गुजराती बिहू जैसे सांस्कृतिक नृत्यों की झलक भी देखने को मिली। स्कूली बच्चों के मनमोहक प्रस्तुति का शहरवासियों ने आनंद उठाया और बच्चों का उत्साहवर्धन भी किए। उल्लेखनीय है कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा की पहल द्वारा इस वर्ष चक्रधर समारोह में स्थानीय कलाकारों के साथ स्कूली एवं नवोदित कलाकारों को बड़ी संख्या में अवसर दिया जा रहा हैं।
कार्यक्रम के शुरूआत में एमएसपी पब्लिक स्कूल के बच्चों ने देशभक्ति गीत भारत मां की जय बोलव रे, छत्तीसगढ़ की जय बोलव, तिरंगा झंडा लहराए जावथे, जन-गण-मंगल के धुन गावथे पर छत्तीसगढ़ी नृत्य के साथ मनमोहक प्रस्तुति दी। न्यू होराइजन स्कूल के बच्चों ने झुलना मा झूले… छत्तीसगढ़ी लोक गीत पर कर्मा नृत्य की जबरदस्त प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की इस कड़ी में जिंदल आदर्श ग्राम्य भारती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के स्कूली बच्चों ने ओडिशा की संबलपुरी नृत्य से दर्शकों का दिल जीता। बच्चों ने संबलपुर की समलाई माता की आराधना करते हुए लोक परंपरा को प्रदर्शित किया। इसी के साथ ही सेन्ट जेवियर स्कूल के बच्चों ने राजस्थानी लोक नृत्य की प्रस्तुति दी, राजस्थान में ढोला मारू की प्रेम गाथा को लोक-गीत के माध्यम से गाते हुए एवं नृत्य किया जाता है, जिस पर बच्चों ने गोपाल शर्मा के निर्देशन में राजस्थानी घूमर, ढोला मारू की प्रेम गाथा एवं कालबेलिया में रंगीली नागन नृत्य से दर्शकों को बांधे रखा। वहीं गुजरात की लोक प्रिय गरबा नृत्य, जिसे नवरात्रि के अवसर पर देश के साथ छत्तीसगढ़ में देखने को मिलता है, जिसकी खूबसूरत झलक आज गार्जेयन एंड गाइड के बच्चों ने मंच में दिखाई, जिसका निर्देशन प्रीति सोनी एवं रोशनी यादव ने की थी। देश की पूर्वोत्तर राज्य असम में प्रचलित बिहू नृत्य ने दर्शकों को बांधे रखे। जिसकी मनमोहक प्रस्तुति सेंट टेरेसा स्कूल के बच्चों ने दी। ओपी जिंदल स्कूल तराईमाल के बच्चों ने योगेश मित्तल के निर्देशन में झांसी की रानी खूब लड़ी मर्दानी पर प्रस्तुति दी।
छत्तीसगढ़ी संस्कृति की दिखी झलक
चक्रधर समारोह के मंच स्कूलों बच्चों के नृत्यों में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक दिखी। यहां रायगढ़ के अलग-अलग स्कूलों के बच्चों ने छत्तीसगढ़ी गीत पर संयुक्त रूप से ग्रुप के माध्यम से बेहद मनमोहक प्रस्तुतियां दी। जिसमें कार्मेल कन्या रायगढ़ की छात्राओं ने राज्यगीत ‘अरपा पैरी की धार’ पर नृत्य के माध्यम से प्रस्तुति दी। साथ ही छत्तीसगढ़ी पर्व की झलक को कर्मा एवं सुआ नृत्य के माध्यम से पेश किया। इसी तरह स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल तमनार के बच्चों ने छत्तीसगढ़ी पारंपरिक नृत्य पर शानदार प्रस्तुति दी। उनकी प्रस्तुतियों से पूरा मंच तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा।
नौ दुर्गा एवं शिव तांडव का रूप भी देखा दर्शकों ने
साधुराम विद्या मंदिर रायगढ़ एवं संस्कार पब्लिक स्कूल की छात्राएं मंच पर मां दुर्गा के नौ रूपों में नजर आयी। साधुराम विद्या मंदिर की छात्राओं ने मां दुर्गा की स्तुति में आयी जगदम्बे…. मराठी लोक नृत्य पर बेहतरीन प्रस्तुति दी। वहीं संस्कार पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने प्रार्थना एवं नृत्य के माध्यम से असत्य पर सत्य की जीत पर अरिंदम नृत्य की प्रस्तुति दी। साथ ही मां दुर्गा के महिषासुर के रूप को भी पेश किया। कार्यक्रम की कड़ी में ओपी जिंदल स्कूल पतरापाली के छात्र-छात्राओं ने ओम: नम: शिवाय.. ओम: नम: शिवाय..पर शिव तांडव स्त्रोत, उमा तांडव एवं गौरी तांडव में भरत नाट्यम के माध्यम से प्रस्तुति दी।
पियानो वादन ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध
चक्रधर समारोह के दूसरे दिन के सांस्कृतिक संध्या में मो.अयान के ग्रुप ने पियानों में बेहद ही सुरीली प्रस्तुति दी। पहला नशा, क्योंकि तुम ही हो, मुझ में कहीं जैसे गीतों पर पियानों के साथ क्लैप बॉक्स, की बोर्ड, मेलोडिका, तबले, ऑक्टाकार्ड, जम्बे पर संगत कर कलाकारों की प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।