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तिरुपति लड्डू विवाद मामले में विहिप ने कलेक्टर को  सौपा ज्ञापन 

गरियाबंद।सरकार द्वारा अधिग्रहित मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के संदर्भ में महामहिम राष्ट्रपति के नाम गरियाबंद कलेक्टर को ज्ञापन सौपा गया तिरुपति बालाजी मंदिर में वितरित होने वाले महाप्रसाद की पवित्रता के संबंध में आस्थावान हिंदुओं की बहुत श्रद्धा होती है। दुर्भाग्य से इस महाप्रसाद को बनाने वाले घी में गाय व सूअर की चर्बी तथा मछली के तेल की मिलावट के अत्यंत दुखद और हृदय विदारक समाचार आ रहे हैं। पूरे देश का हिंदू समाज आक्रोशित है,और हिंदुओं का क्रोध अलग-अलग रूप में प्रकट हो रहा है। इस पवित्र तीर्थ का संचालन आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित बोर्ड के द्वारा होता है।
 वहां केवल महाप्रसाद बनाने के मामले में ही हिंदू आस्थाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया गया अपितु हिंदुओं के द्वारा अत्यंत श्रद्धा भाव से अर्पित की गई देव राशि (चढ़ावा) के सरकारी अधिकारियों व राजनेताओं द्वारा दुरुपयोग के भी कष्टकारी समाचार मिलते रहते हैं। कई बार तो हिंदुओं के धर्म पर आघात कर हिंदुओं का धर्मांतरण करने वाली संस्थाओं को इस पवित्र राशि से अनुदान देने के समाचार भी मिलते रहे हैं। कई अन्य राज्य सरकारें भी मंदिरों की संपत्ति व आय का निरंतर दुरुपयोग करती रहती हैं तथा उनका उपयोग गैर हिंदू और हिंदू विरोधी कार्यो में करती रही है।
 मान्यवर, हमारे देश में संविधान के सर्वोपरि होने की दुहाई बार-बार दी जाती है परंतु दुर्भाग्य से हिंदुओं की आस्थाओं के केंद्र मंदिरों पर विभिन्न सरकारें अपना नियंत्रण स्थापित कर हिंदुओं की भावनाओं के साथ सबसे घृणित धोखाधड़ी संविधान की आड़ में ही कर रही हैं। जो सरकारें संविधान की रक्षा के लिए निर्माण की जाती हैं वे ही संविधान की आत्मा की धज्जियां उड़ा रही है। अपने निहित स्वार्थ के कारण मंदिरों का अधिग्रहण कर वे संविधान की धारा 12, 25 व 26 का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर रही हैं।
 क्या स्वतंत्रता प्राप्ति के 77 वर्ष बाद भी हिंदुओं को अपने मंदिरों का संचालन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती? अल्पसंख्यकों को अपने धार्मिक संस्थान चलाने की अनुमति है परंतु हिंदू को यह संविधान सम्मत अधिकार क्यों नहीं दिया जा रहा? यह सर्व विदित है कि मुस्लिम आक्रमणकारियों ने मंदिरों को लूटा और नष्ट किया था। अंग्रेजों ने चतुराई पूर्वक उन पर नियंत्रण स्थापित करके उन्हें निरंतर लूटने की प्रक्रिया स्थापित कर दी। स्वतंत्रता के 77 वर्ष बाद भी भारत की सरकारें इस औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त है और हिंदुओं के मंदिरों पर नियंत्रण स्थापित कर लूट रही है।
 तिरुपति बालाजी व अन्य स्थानों पर की जा रही अनियमितताओं के कारण अब हिंदू समाज का यह विश्वास हो गया है कि अपने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराए बिना उनकी पवित्रता को पुनर्स्थापित नहीं किया जा सकता। यह स्थापित मान्यता है कि हिंदू मंदिरों की संपत्ति व आय का उपयोग मंदिरों के विकास व हिंदुओं के धार्मिक कार्यों के लिए ही होना चाहिए। वास्तविकता यह है कि मंदिरों की आय व संपत्ति की खुली लूट अधिकारियों व राजनेताओं के द्वारा तो की ही जाती हैं कई बार उनके चहेते हिंदू विरोधियों द्वारा भी की जाती है।
    आपसे निवेदन है कि आप अपनी राज्य सरकार को उनके द्वारा नियंत्रित सभी हिंदू मंदिर अविलंब मुक्त करके हिंदू संतो व भक्तों को एक निश्चित व्यवस्था के अन्तर्गत सौंपने के लिए प्रेरित करें। इस व्यवस्था का प्रारूप पूज्य संतों ने कई वर्षों के चिंतन मनन व चर्चा के बाद निर्धारित किया है। इस प्रारूप का सफलतापूर्वक उपयोग कई जगह किया जा रहा है। आशा है आप अपने प्रभाव का उपयोग कर अपनी सरकार को वांछित दिशा में शीघ्र निर्णय लेने के लिए प्रेरित करेंगे। हमें विश्वास है कि परस्पर विमर्श से ही हमारे मंदिर हमको वापस मिल जाएंगे और हमें व्यापक आंदोलन के लिए विवश नहीं होना पड़ेगा।
नवरात्र में गरबा उत्सव में फूहड़ता पर प्रतिबंध
नवरात्री गरबा महोत्सव पर हिन्दू समाज की सूरक्षा एवं शांति व्यवस्था स्थापित करने हेतु यह ज्ञापन दिया गया ।
जिले के समस्त गरबा पंडाल संचालकों को सूचित किया जाता है कि आगामी शारदीय नवरात्र गरबा महोत्सव का कार्यक्रम आने वाला है, जिनके निमित दुर्गा महोत्सव में गरबा का आयोजन शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाता है जहां पर हिन्दू समाज की बहनें और माताएं शामिल होती है ऐसे मौकों पर जिहादी मानसिकता के गैर हिन्दू समुदाय के लोग जो कि नवरात्र को या माता रानी को ही नही मानते एैसे लोग भी गरबा पंडालों में घुस कर हिन्दू समाज की बहनों और बेटियों के साथ छेड़छाड, लवजिहाद और व्यभिचार जैसी घटनाएं करने का षडयंत्र करते हैं। पूर्व में एैसी कई घटनाएं हो चुकी है। जिसके रोकथाम के लिए विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल गरियाबंद पूर्णरुप से प्रतिबद्ध है। बजरंग दल के कार्यकर्ता सभी पंडालों में सुरक्षा की दृष्टीकोण से जांच हेतु भ्रमण करेंगे तथा गैर हिन्दू समुदाय का कोई व्यक्ति गरबा पंडालों में पाये जाने पर कार्यवाही हेतु बाध्य होंगें।
अतः समस्त गरबा पंडाल संचालकों एवं आयोजकों से आग्रह है कि बांग्लादेश जैसी घटनाओं से बचने एवं अपने त्यौहारों की महत्व और पवित्रता को बनाए रखने हेतु गरबा पंडालों में गैर हिन्दूओं का प्रवेश पूर्णतः वर्जित करें, चूँकि गरबा पंडाल में स्वयं माँ जगदम्बा का वास होता है अतः निम्न बिन्दूओं पर अमल करें –
1. गरबा पंडाल संचालक प्रवेश वाले स्थान पर आने वाले लोगों का आधार कार्ड चेक करें तथा एक रजिस्टर बनाकर रखें जिसमें उन सभी व्यक्तियों का नाम, पता, आधार नंबर और मोंबाईल नंबर लिखा जावे।
2. पंडाल में प्रवेश करते समय सभी के माथे पर तिलक लगाकर प्रवेश कराये।
3. पंडाल में प्रवेश करते समय गंगा जल-गौ मुत्र का छिडकाव किया जावे।
4. गरबा में आने वाले लोगों की वेशभुषा का विशेष ध्यान दिया जावे, कोई भी अभद्र वेशभूषा में पंडाल में प्रवेश न करें इसका विशेष ध्यान दिया जावे।
5. गरबा पंडालो में सभी DJ , ढोल नृत्य दुकान चलाने वाले सभी व्यक्ति हिन्दू हो हिन्दुओ के साथ ही लेन देन का व्यवहार हो।
6. समिति के सदस्य केवल हिंदू हो।
गरबा पंडाल आयोजकों के द्वारा नियमो का पालन नही होने पर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना के लिए आयोजक समिति एवं प्रशासन स्वयं जिम्मेदार होगें, यह सक्त चेतवानी दी गई है।विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष प्रकाश निर्मलकर विभाग मंत्री डिगेश्वर वर्मा जिला सह मंत्री सुरेश साहू जिला संगठन मंत्री वेद राम नंदे बजरंग दल के जिला संयोजक मोहित साहू एवं अमित साहू ,भीम साहु नवीन सिन्हा, आयुष सोनी ,वैभव सोनी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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