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आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ित परिवारों को पुनर्वास नीति के तहत मिलेगा आवास : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

० मुख्यमंत्री साय की पहल पर भारत सरकार से मिली 15,000 आवासों की स्वीकृति

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत 15,000 आवासों की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों और पीड़ित परिवारों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए यह पहल एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 15,000 आवास केवल मकान नहीं बल्कि उन परिवारों के लिए सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक हैं। हमारी सरकार इस योजना को पूरी पारदर्शिता और तत्परता के साथ लागू करेगी। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रदेश के विकास और शांति स्थापना की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि नक्सल पीड़ित परिवारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों को बेहतर जीवन देने के लिए हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। पीड़ित परिवारों को आवास मिल जाने से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। यह योजना सामाजिक समरसता और विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगी।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि इस योजना में विशेष रूप से उन परिवारों को शामिल किया जाएगा जिनका नाम सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 और आवास प्लस 2018 की सूची में शामिल नहीं था। इन नामों को 6 दिसंबर 2024 तक आवास प्लस पोर्टल पर अपलोड करने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा दी गई है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ित परिवारों हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने की स्वीकृति हेतु निवेदन किया था परिणामस्वरूप 15 हजार आवास की स्वीकृति भारत सरकार से दी गयी है।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इस विशेष परियोजना के तहत पुलिस अधीक्षक जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) जिला पंचायत को आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों की सूची प्रदान करेंगे। इसके बाद जिला पंचायत द्वारा इस सूची का सर्वेक्षण और सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन उपरांत कलेक्टर के माध्यम से लाभार्थियों के लिए भूमि का चिन्हांकन किया जाएगा। इसके आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशानिर्देशों के अनुरूप आवास निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होगी।

 

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