गुरुग्राम। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और आईएनएलडी प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला का शुक्रवार को निधन हो गया। गुरुग्राम मेदांता में उन्होंने दोपहर करीब 12 बजे अंतिम सांस ली। उन्हें सांस लेने में दिक्कत थी, तीन-चार साल से मेदांता में ही उनका इलाज चल रहा था। शुक्रवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 11:35 बजे मेदांता की इमरजेंसी में लाया गया था। मेदांता प्रशासन ने उनके निधन की पुष्टि की है। डॉक्टरों ने उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई है। कल सुबह 8 से 2 बजे तक सिरसा स्थित तेजा खेड़ा फार्म पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे उनको मुखाग्नि दी जाएगी।
सिरसा के गांव चौटाला में हुआ था जन्म
ओम प्रकाश चौटाला का जन्म एक जनवरी 1935 को सिरसा के गांव चौटाला में हुआ था। चौटाला पांच बार हरियाणा के सीएम रहे। दो दिसंबर 1989 को चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। वे 22 मई 1990 तक इस पद पर रहे। 12 जुलाई 1990 को चौटाला ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद को शपथ ली थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता को दो माह में ही पद से हटा दिया गया था। हालांकि चौटाला को भी पांच दिन बाद ही पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। 22 अप्रैल 1991 को तीसरी बार चौटाला ने सीएम पद संभाला। लेकिन दो हफ्ते बाद ही केंद्र सरकार ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।
सीएम सैनी ने जताया शोक
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा की राजनीति में ओमप्रकाश चौटाला का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मल्लिकार्जुन खरगे ने जताया शोक
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ‘हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ नेता चौ. ओम प्रकाश चौटाला के निधन का समाचार दुःखद है। उन्होंने हरियाणा और देश की सेवा में उचित योगदान दिया। दुःख की इस घड़ी में हम उनके परिवार व समर्थकों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और दिवगंत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं’।
1996 चुनाव के बाद बनाया हरियाणा लोकदल
1993 में उन्होंने नरवाना उपचुनाव जीता। 1996 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) के नाम से नई पार्टी बनाई। 1998 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में बसपा से गठबंधन कर हरियाणा में पांच लोकसभा सीटें जीती। इसके बाद उनके दल को मान्यता मिली। इसके बाद उनकी पार्टी का नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) कर दिया गया। 24 जुलाई 1999 में चौटाला ने चौथी बार सीएम पद संभाला। दिसंबर 1999 में उन्होंने विधानसभा भंग करवा दी और विधानसभा चुनाव के बाद दो मार्च 2000 को चौटाला पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने। उसके बाद चौटाला पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे।
82 साल की उम्र में पास की थी 10वीं की परीक्षा
भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने 82 साल की में 10वीं पास की थी। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के नतीजे जारी हुए तो ओम प्रकाश चौटाला ने परीक्षा द्वितीय श्रेणी से पास की थी। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने तिहाड़ जेल में एनआईओएस के स्टडी सेंटर से एग्जाम दिया था। उनके साथ ही दो और बुजुर्ग छात्रों ने भी 10वीं पास की थी। ओम प्रकाश चौटाला को परीक्षा में 55.40 प्रतिशत अंक मिले थे।
ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जताया दुख
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और आईएनएलडी प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ‘कांग्रेस की राजनीति में वे बहुत लंबे समय तक साथ रहे। विधानसभा में भी हम साथ रहे। उन्होंने अपने जीवन काल में जनता की सेवा की है। अभी तो वे राजनीति में भी सक्रिय थे। वे अच्छे व्यक्ति थे। हमारे संबंध अच्छे थे। वे मेरे बड़े भाई की भूमिका में थे।’
पीएम मोदी ने भी प्रकट किया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर दुख प्रकट किया है। पीएम मोदी ने लिखा ‘हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। प्रदेश की राजनीति में वे वर्षों तक सक्रिय रहे और चौधरी देवीलाल जी के कार्यों को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं’।