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धर्म अर्थात जीवन जीने का सर्वोत्तम मार्ग : प्रो. मुखर्जी


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रायपुर। महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय में वीर बाल दिवस के अवसर पर वीर बाल दिवस दिवस मनाया गया.इस मौके पर महाविद्यालय के शैक्षणिक स्टाफ और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर देवाशीष मुखर्जी ने वीर बाल दिवस पर वक्तव्य रखते हुए बताया की वीर बाल दिवस सिख संप्रदाय के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह के दो पुत्रों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को चिंतन कर पुण्य स्मरण किया जा रहा है। उन्होंने इस मौके पर दोनों वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की और बताया कि जिन्होंने छोटी उम्र में धर्म और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने प्राणों को निक्षावर कर दिया था ऐसे वीर सपूतों को याद किया जाना चाहिए।



उनका कहना था कि आप सभी छात्र-छात्राओं को दोनों बालकों की शहादत से प्रेरणा लेनी चाहिए। जिससे आप अपने सामाजिक कर्तव्यों को समझ सकें और उनके पालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। क्योंकि छात्र एक सामाजिक प्राणी भी है वही कार्यक्रम में इतिहास विभाग की शिक्षिका प्रोफेसर चरणजीत बजाज ने दोनों बालकों की शहादत को महत्वपूर्ण रेखांकित किया और उनकी जीवनी के अंश को प्रस्तुत करते हुए जानकारी रखी। उन्होंने छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया कि इन बच्चों से शिक्षा लेकर ऐसे साहसी बनने की कोशिश की जानी चाहिए। क्योंकि जीवन में सभी को अपने योगदान के लिए कोई ना कोई आवश्यक एवम महत्वपूर्ण कार्य मिलता है वहीं आयोजन में प्रमुखता से डॉ अनुपम जैन, डॉ शांतनु पाल, ललित मोहन वर्मा, रामप्रसाद दुबे, डॉ प्रेम चंद्राकर समस्त स्टाफ एवम बड़ी संख्या में छात्र छात्राये उपस्थित थे.

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