गुना। मध्यप्रदेश के गुना जिले में बड़ा हादसा हुआ है। बुधवार रात आठ बजे डंपर से टक्कर के बाद बस में आग से 13 यात्री जिंदा जल गए। 18 से अधिक झुलसे लोगों को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां पांच की हालत गंभीर है। अधिकारियों ने 11 यात्रियों की मौत की पुष्टि की है। निजी बस में 45 यात्री सवार थे। आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। एसपी विजय खत्री ने भी इसकी पुष्टि की है।
जानकारी के अनुसार बुधवार की रात में बस गुना से आरोन की तरफ जा रही थी। रात करीब साढ़े 8 बजे गुना जिले में डंपर से टकराने के बाद बस पलट गई और उसमें आग लग गई। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो 12 लोगों की आग में जिंदा जलने से मौत हो गई। कई लोग घायल हुए हैं। आसपाल के लोगों ने जान जोखिम में डालकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया है। आरोप लगाया जा रहा है कि गुना और आरोन से घटना के एक घंटे बाद तक एंबुलेंस नहीं पहुंची थी। बस में आग लगने की घटना के बाद मौके पर जाम के हालात बन गए। पुलिसकर्मी लोगों की भीड़ हटाते रहे।
मुख्यमंत्री ने गुना बस दुर्घटना की जांच के दिए आदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुना जिले में हुई बस दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं। घटना के सभी बिंदुओं पर जांच कराई जाएगी। उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस तरह की दुर्घटनाओं की पुनर्रावृत्ति न हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिला प्रशासन को बस दुर्घटना में मृतकों के परिवार को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
तीन-चार लोगों को मैंने बचाया, 8 लोग ज़िंदा जल गए
बस में मौजूद यात्री वा प्रत्यक्षदर्शी अंकित कुशवाह ने बताया कि बस गुना से आरोन की तरफ जा रही थी। मैं आगे वाली सीट पर बैठा था, जिसका अचानक से एक्सीडेंट हुआ। तब कुछ भी समझ नहीं आया। मेरी आंखें बंद हो चुकी थीं, जब आंख खुली तो में कांच से बाहर निकलकर आया और तीन से चार लोगों को मैंने और मेरे दोस्त ने निकाला। उसके बाद बस में आग लग गई और कोई भी बस से बाहर नहीं निकल पाया। मेरे अनुसार लगभग 8 लोग बस में जिंदा जल गए। सिकरवार बस थी, जो कि ट्रक में भिड़ी है। सेमरी के पास यह घटना घटित हुई और बस में 30 के लगभग सवारी मौजूद थी। मुझसे जब तक बना मैंने लोगो को निकलवाया फिर मेरा भी पैर दर्द करने लगा।
पूर्व विधायक राजेंद्र सलूजा और बंटी बना ने बताया कि घटना बहुत दुखद है। हम अस्पताल में हैं और घायलों को उचित उपचार मिले, इसके प्रयास में लगे हैं। मरने वालों के परिवार वालों को सूचना दे रहे हैं। वहीं नेताओं ने आरोप लगाया कि घटना के एक घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। ये लापरवाही है। घटना कैसे हुई ये जांच का विषय है।