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महासमुंद जिले में ओड़िया पढ़ाने वाली टीचर्स को बांटी गई किताबें,अब छात्रों तक पहुंचेगी

बसना। उत्कल सम्मिलनी भुवनेश्वर द्वारा यहां 27 दिसंबर को महासमुंद जिले के स्कूलों में संचालित ओड़िया भाषा लिपि शिक्षा केंद्रों के शिक्षिकाओं को ओड़िया भाषा की पुस्तक “वर्ण बोध” वितरण किया गया। शिक्षिकाओं के माध्यम से ये किताबें छात्रों तक पहुंचेगी। बसना के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला में आयोजित कार्यक्रम में जिले में संचालित सभी 45 लिपि शिक्षा केंद्रों की शिक्षिकाएं शामिल हुईं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि त्रिलोचन प्रधान थे। अध्यक्षता श्रीमती मंदाकिनी साहू ने की।

गोरखलाल पंडा के नेतृत्व में मां सरस्वती के पूजन और वंदन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद श्रीमती दीप्तिमयी सतपथी के नेतृत्व में ओडिशा राज्य गीत “वन्दे उत्कल जननी” का गायन हुआ। कार्यक्रम में उत्कल सम्मिलनी समाचार ‘विच्छिवांचल विशेषांक’ का वाचन किया गया। इसके प्रधान संपादक उत्कल सम्मिलनी भुवनेश्वर के केंद्रीय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर डॉ अद्वैतकुमार पात्र हैं। कार्यक्रम में रामचंडी महाविद्यालय बगईजोर ( सराईपाली) के प्राचार्य डॉ एन के भोई और शासकीय हाईस्कूल सलडीह के प्राचार्य मीनकेतन दास ने ओड़िया भाषा, संस्कृति और साहित्य विषय पर लेख पढ़े। उत्कल सम्मिलनी जिला शाखा महासमुंद के समन्वयक एन एल भोई ने कार्यक्रम में जानकारी दी कि महासमुंद में अभी 45 लिपि शिक्षा केंद्र संचालित हैं।

25 साल पहले 10 अंशकालीन शिक्षा केंद्रों के साथ इसे प्रारंभ किया गया था। उत्कल सम्मिलनी जिला शाखा महासमुंद के अध्यक्ष सुवर्धन प्रधान और आत्मानंद स्कूल बसना के प्राचार्य के के पुरोहित ने भी भाषण दिया। कार्यक्रम में उत्कल सम्मिलनी जिला शाखा महासमुंद के उपाध्यक्ष बी के प्रधान,पूर्व समन्वयक बालेश्वर प्रधान,सदस्य कमलोचन प्रधान,दक्ष प्रधान, राजकुमार बेहरा, सुशील कानूनगो,पूर्व प्राचार्य के सी साहू, शासकीय आदर्श स्कूल बसना के प्राचार्य एस के पटेल, व्याख्याता एस के विशाल, एच के बेहरा और समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में उत्कल सम्मिलनी जिला शाखा महासमुंद के संस्थापक संरक्षक स्व. बाबा निरंजन दास को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम का संचालन सतीश बेहरा और आभार प्रदर्शन श्रीमती अतुल्य पंडा ने किया।

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