रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर राज्य सरकार के कामकाज में बाधा डालने के लिए ‘‘राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित” होने का आरोप लगाया और दावा किया कि 31 जनवरी को या उससे पहले उनका बयान दोबारा दर्ज करवाने की ईडी की जिद से दुर्भावना झलक रही है।
संघीय जांच एजेंसी को भेजे एक ईमेल में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के 48 वर्षीय कार्यकारी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि उन्हें समन जारी करना ‘‘पूरी तरह अफसोसजनक और कानून द्वारा दी गुई शक्तियों का दुरुपयोग है।” सोरेन ने रविवार को भेजे ईमेल में कहा, ‘‘अदालत को उपलब्ध करवाने के लिए 20 जनवरी को मुझसे 7 घंटे तक हुई पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखें।” वहीं हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी को दोपहर एक बजे उनके आवास पर बयान दर्ज करवाने के लिए स्वीकृति दे दी है।
सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने कथित भूमि धोखाधड़ी मामले में 20 जनवरी को सोरेन से रांची में उनके आधिकारिक आवास पर पूछताछ की थी और उनसे यह बताने को कहा था कि वह पूछताछ के लिए 29 जनवरी या 31 जनवरी में से किस दिन आएंगे।
मुख्यमंत्री 27 जनवरी की रात को राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना हो गए थे, जबकि यहां रांची में सोमवार के निर्धारित सरकारी कार्यक्रम बिना किसी स्पष्टीकरण के रद्द कर दिए गए हैं। ईडी का एक दल धनशोधन से जुड़े एक मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचा।