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महाकालेश्वर के रूप में देंगे बाबा बूढ़ेश्वर सबको दर्शन, पूरे मंदिर को उज्जैन नगरी के रूप में सजाया जाएगा

रायपुर। श्रावण मास के अंतिम सोमवार यानी दिनांक 28 अगस्त 2023 को इस वर्ष शहर के प्राचीनतम शिवालय श्री बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर को उज्जैन नगरी के रूप में सजाया जाएगा, जिसमें भक्तों को उज्जैन नगर के सभी प्रतिष्ठित देवी देवताओं के रूप के दर्शन कराए जाएंगे। गर्भगृह में बाबा बूढ़ेश्वर नाथ महाकालेश्वर ,अपनी दक्षिण मुखी जलहरी के साथ में विराजमान होंगें संग में होगी माता पार्वती और भगवान गणेश । वीरभद्र और सांपों की माला लिए हुए भगवान महाकालेश्वर गर्भग्रीह में सभी भक्तों को दर्शन देंगे ।

मंदिर परिक्रमा पथ में सभी विग्रहों को स्थापित किया जाएगा जिनमे साक्षी गोपाल , नवग्रह मंडल , मंगलनाथ मंदिर , गढ़ कालिका ,काल भैरव और श्री हरसिद्धि माता के प्रतिरूप का श्रृंगार किया जाएगा। पूरे मंदिर को उज्जैन नगरी के राजा महाकाल की नगरी के समान स्वरूप दिया जाएगा। दोपहर 3.00 बजे सभी भक्तों हेतु मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे और यह दर्शन लगातार मध्य रात्रि तक चलेंगे। परिक्रमा पथ में विभिन्न स्थानों पर प्रसाद वितरण और रुद्राक्ष वितरण का आयोजन भी किया गया है।

इस वर्ष पुरुषोत्तम मास होने के कारण श्रावण माह में आठ सोमवार थे जिसमें से अंतिम सोमवार अर्थात 28 अगस्त को संपूर्ण मंदिर को ठीक उसी प्रकार सजाया जाएगा जैसा उज्जैन के महाकाल के दरबार में सजा है। समाज के ट्रस्टी श्री राजेश व्यास ने बताया कि पुरुषोत्तम मास भगवान विष्णु का प्रिय मास होता है किंतु श्रावण मास में अधिक मास की युति इस बात का प्रमाण है कि इस वर्ष श्रावण मास में श्री हरि अर्थात विष्णु और श्री हर यानी शिव अर्थात भगवान शिव का हरिहर स्वरूप का भी दर्शन भक्तों को कराया गया ।

श्री रायपुर पुष्टिकर समाज ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी  चंद्र प्रकाश व्यास ने बताया की श्रावण मास का अंतिम सोमवार होने के कारण मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होगा। इस हेतु पर्याप्त प्रशासनिक व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, और यातायात की व्यवस्था की गई हैै।
श्री रायपुर पुष्टिकर समाज ट्रस्ट की प्रबंधक ट्रस्ट की श्रीमती विजयलक्ष्मी बोहरा ने बताया कि भक्तों में भगदड़ ना हो और सहजता से भगवान के दर्शन किए जा सके ऐसी व्यवस्था पदाधिकारीयों के द्वारा की गई है। गौरतलब है कि 12 ज्योतिर्लिंगों में सिर्फ महाकालेश्वर का ज्योतिर्लिंग एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिण मुखी है इसलिए इस सोमवार को श्री बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर में भी दक्षिणावर्ती ज्योतिर्लिंग का निर्माण किया गया है। प्रातः 4 बजे भगवान का भस्म से अभिषेक किया जाएगा और दोपहर भगवान को राजभोग लगाया जाएगा। ततपशचात महाकालेश्वर के रूप में भगवान का श्रृंगार किया जाएगा और दोपहर 3 बजे सभी भक्तों के लिए दर्शन खोल दिये जायेंगे।

समाज के ट्रस्टी  धर्मेंद्र ओझा ने बताया कि इस वर्ष पुरुषोत्तम मास के शुक्ल पक्ष में लगातार 16 दिवसीय भंडारे का भी सफलतापूर्वक आयोजन किया गया । श्री ओझा ने बताया कि विगत 15 वर्षों से लगातार प्रति शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को श्री भैरव बाबा की कढ़ाही प्रसाद का आयोजन किया जाता है । यह आयोजन इस माह की 30 तारीख को किया जाएगा ।

श्रावण मास के अंतिम सोमवार हेतु सभी तैयारियां ट्रस्ट के पदाधिकारीयों द्वारा पूर्ण कर ली गई है । समाज के ट्रस्टी राजकुमार व्यास और श्री आनंद व्यास ने बताया कि इस भव्य श्रृंगार को मूर्त रूप देने हेतु विगत 10 दिनों से तैयारियां की जा रही हैं। सभी भक्त दोपहर 3 बजे से रात्रि 01.00 बजे तक श्री बुढ़ेश्वर नाथ बाबा का महाकालेश्वर रूप में दर्शन किया जा सकता है।

 

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